देशभर में आज यानी 8 जनवरी को केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है। इसी के चलते 10 केंद्रीय ट्रेड और कुछ बैंक यूनियनों द्वारा आज भारत बंद का आयोजन किया गया।
इस हड़ताल में कई बैंक यूनियन भी शामिल होने वाली हैं। बैंक कर्मचारियों के इस हड़ताल में शामिल होने की वजह से बैंक से जुड़े सभी कामकाज प्रभावित हो सकते है। इसके अलावा एटीएम में भी कैश की किल्लत हो सकती है।
गौरतलब है कि ट्रेड यूनियनों इस भारत बंद में हिस्सा लेने के लिए पिछले महीने संयुक्त तौर पर एक सर्कुलर जारी किया था। मोदी सरकार द्वारा सरकारी बैंकों का विलय और बैंकिंग सुधारों को लेकर बैंकिंग यूनियंस केंद्र से नाराज चल रहे हैं।
क्यों है भारत बंद
– ट्रेड यूनियनों का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से लागू की जाने वाली सभी आर्थिक और जन विरोधी नीतियों के विरोध में भारत बंद का आयोजन किया गया है। वहीं, स्टूडेंट यूनियन की ओर से शिक्षण संस्थानों में फीस बढ़ाने का विरोध किया जा रहा है। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे लेबर लॉ का भी विरोध किया जा रहा है।
क्या है ट्रेड यूनियन की मांगें
– यूनियन की मांग है कि केंद्र सरकार को सभी नीतियों को कर्मचारियों से बातकर बनाना चाहिए।
– उनकी मांग है कि आम लोगों की जरूरत वाली चीजों के बढ़ते दाम को काबू किया जाए।
– पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम, बेरोजगारी, महंगाई पर काबू पाने के लिए नीति बनाने की मांग।
– इसके अलावा जो मुख्य मांग है कि मजदूरों की तन्ख्वाह बढ़ाना, इस मांग को काफी लंबे समय से रखा जा रहा है। यूनियन की मांग है कि यूनियन मजदूरों की न्यूनतम तन्ख्वाह 21 हजार रुपये प्रति माह होनी चाहिए।
– सोशल हेल्थ सर्विस में खुद को शामिल करना।
– मजदूरों को मिड डे मील मिलना।
– 6000 रुपये की न्यूनतम पेंशन।
– पब्लिक सेक्टर बैंक के मर्जर का विरोध।
– बैंक यूनियन मर्जर प्लान के खिलाफ।
इस हड़ताल में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA), बैंक कर्मचारी फेडरेशन ऑफ इंडिया (BEFI), इंडियन नेशनल बैंक एम्पलाइज फेडरेशन (INBEF), भारतीय राष्ट्रीय बैंक अधिकारी कांग्रेस (INBOC) और बैंक कर्मचारी सेना महासंघ (BKSM) शामिल हैं।